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इनकम टैक्स रिटर्न में देना होगा बिजली बिल के साथ ये तीन नई जानकारियां, जानिए डिटेल्स

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आयकर रिटर्न भरने वालों के लिए नई खबर , केंद्र सरकार द्वारा आयकर रिटर्न Income Tax Return भरने की आगे बढ़ा दी गई है लेकिन लोगों को आयकर तो भरना ही होगा। वित्त वर्ष 2019-20 और मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के लिए Income Tax Return (ITR) भरने के नए फार्म जारी कर दिए गए हैं। नए फार्म में अब लोगों को बिजली के बिल से जुड़ी अहम जानकारी भी देनी होगी। हालांकि , इस जानकारी को लेकर कुछ शर्तें हैं और इन शर्तों का पालन करना होगा। Income Tax Return के नए फार्म के अनुसार अगर पिछले वित्त वर्ष में Income Tax Return भरने वाले ने बिजली बिल मद में एक लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान किया है तो उसे इसकी जानकारी ITR भरने के दौरान अनिवार्य रूप से देनी पड़ेगी। इसके साथ ही बीते वित्त वर्ष के दौरान खुद या किसी अन्य की विदेश यात्रा पर दो लाख रुपए से अधिक खर्च किए हैं तो इसकी जानकारी भी देनी होगी।       जारी की गई अधिसूचना के अनुसार , सालाना 50 लाख रुपए तक वेतन पाने वाले अगर एक मकान रखते हैं तो उन्हें रिटर्न दाखिल करने के लिए ITR-1 सहज फॉर्म भरना होगा। रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख इस वर्ष के लिए 30 नवंबर होगी।

कारोबारी अब जल्द SMS से फाइल कर पाएंगे GST रिटर्न

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जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के लिए एक नए और सरल फॉर्मेट को मंजूरी दी है. यह नया फॉर्मेट है मैसेज यानी एसएमएस के जरिए रिटर्न फाइल करने का है.  सरकार कारोबारियों को राहत देने के लिए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स) रिटर्न दाखिल करने के प्रोसेस को आसान करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के लिए एक नए और सरल फॉर्मेट को मंजूरी दी है. यह नया फॉर्मेट है मैसेज यानी एसएमएस के जरिये रिटर्न फाइल करने का है. आपको बता दें कि नए फॉर्मेट के तहत कारोबारी एसएमएस से रिटर्न फाइल कर सकेंगे, जिन्‍होंने पूरी तिमाही के दौरान किसी भी तरह की खरीद या सप्‍लाई नहीं की है और इसके चलते उन पर कोई टैक्‍स नहीं बनता है. ऐसे कारो‍बारियों को निल फिलर्स कहा जाता है.  नए सिस्टम पर काम जारी- बिजनेस न्यूज फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, नए सिस्‍टम के आने से रिटर्न फाइलिंग के टाइम में कटौती होगी. जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के लिए नए फॉर्म्‍स के ड्रॉफ्ट स्‍टेकहोल्‍डर्स के सुझाव के लिए सोमवार तक पब्लिक डोमेन पर उपलब्‍ध करा

15 Income Tax mistakes to avoid while filing ITR

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A date for filing Income Tax return is nearby. You must be ready with all necessary documents for filing Income tax return. ITR filing is an important exercise and as a taxpayer, you have to be cautious while filing income tax returns.  Here is a list of common mistake which taxpayer is likely to make. This year is special when it comes to Income tax. Almost all bank accounts and PAN cards are linked with Aadhaar and rigorous monitoring is taking place as per the Income-tax department. Any mistake related to underreporting of income or inflating deduction/exemptions will lead to heavy penalty including jail. If you want to avoid the unnecessary trouble of income tax here are 15 Income Tax Mistakes you must avoid while filing ITR. Fake Bill of HRA It is observed most of the time that taxpayer produces fake rent receipt or bill to claim HRA. Income tax department has tightened this exemption. This year in ITR form separate section is given asking for tenant PAN number. It is

Save More Tax – Use these less known Income Tax Deductions

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One of the most popular section when it comes to income tax saving is 80C. People are aware of 80C and use this section fully when it comes to Income tax deductions. But many times taxpayer forgot other available income tax deductions which can reduce their tax burden. In this post, we will take a look at less known income tax deductions which can be used to save more tax. taxation helper Save Tax through your Family Member One of the simplest ways to save tax is through your family member parents, in-laws, wife, and children. You might be surprised that how it works? Let me explain, in this method you need to give away a portion of your fund to the family member as a gift or loan. If you have any close family member or relatives who fall in NIL or lower tax bracket then you can save taxes by gifting/transferring your investment in their name. You need to open separate income tax file on their name. Tax implication arising due to above is explained below. Example 1 – L

ICAI to keep Records of Attestations by Chartered Accountants

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The Institute of Chartered Accountants of India ( ICAI ) has launched a new system to system to generate a new unique identification Number keep the records of attestations by the  Chartered Accountants . TAXATION HELPER This will help the Institute to track all the certifications and also make fake certifications / third part certifications harder to get. The move aims at bring more accountability and transparency in accounting in the light of recent controversies including the PNB Scam where the Chartered Accountants were allegedly involved in the scam. The new system will also help to secure the documents certified by CAs and to establish the authenticity of the documents. Unique Document Identification Number (UDIN) is a unique number, which will be generated by the system for every document certified/ attested by a Chartered Accountant and registered with the UDIN portal available at https:/udin.icai.org/. It has been noticed that financial statements and documents

पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी के बावजूद कुछ फीसद वैट लगा सकते हैं राज्य

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नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल और डीजल की कीमतों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ऊंची दर में रखने के बावजूद इस पर राज्य सरकारों की ओर से कुछ वैट भी लगाया जा सकता है। अगर ये दोनों ईंधन जीएसटी के अंतर्गत लाए गए तो कुछ ऐसा कर ढांचा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी है। गौरतलब है कि जीएसटी व्यवस्था देशभर में एक जुलाई, 2017 से लागू है। ऐसे में जीएसटी की उच्चतम दर और राज्यों की ओर से लगाया जाने वाला वैट मिलाकर उतना ही कर बैठेगा जितना कि केंद्र सरकार (एक्साइज ड्यूटी) और राज्य सरकारों (वैट) की ओर से लिया जाता है। कुल मिलाकर पेट्रोल और डीजल को अगर जीएसटी के दायरे में लाया भी गया तो भी कीमतें जस की तस रहेंगी, यानी कीमतों में राहत की उम्मीदों पकरक पानी फिर सकता है। अधिकारी ने बताया कि इन दोनों ईंधनों (पेट्रोल एवं डीजल) को जीएसटी के अंतर्गत लाने से पहले केंद्र सरकार को यह तय करना होगा कि क्या वह इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ न देने से हो रहे 20,000 करोड़ रुपए के राजस्व लाभ को छोड़ने को तैयार है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि पेट्रोल, डी

इनकम टैक्स लॉग इन और फाइलिंग हुआ और भी आसान I अब लॉग इन करें बिना डेट ऑफ़ बर्थ के

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जी हाँ , आयकर विभाग ने इ फाइलिंग वेबसाइट में कुछ बदलाव किये हैं जो रिटर्न फाइलिंग को आसान बना दिया है अब लॉग इन करते समय मांगे जाने वाले डेट ऑफ़ बर्थ सेक्शन को हटा दिया गया है | और साथ ही ITR और अन्य डाक्यूमेंट्स मे लगने वाले पासवर्ड्स को भी हटा दिया गया है | विभाग की इस पहल से जहाँ एक तरफ पोर्टल का इस्तेमाल करना आसान हुआ है वहीँ दूसरी तरफ पासवर्ड याद रखने और समय की बर्बादी भी रुकेगी |

काला धन या बेनामी लेनदेन की जानकारी दें, आयकर विभाग से 5 करोड़ पाएं

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बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने के मकसद से आयकर विभाग ने कुछ नए कदम उठाए हैं। जिसके बाद बेनामी लेनदेन या काले धन से संबंधित खास सूचना देनेवालों को आयकर विभाग एक करोड़ रूपये ईनाम के तौर पर दे सकता है। जबकि, पैसा देश से बाहर रखने वालों के खिलाफ जानकारी देने पर यह ईनाम 5 करोड़ रूपये रखी गई है।  इनकम टैक्स इन्फॉर्मेन्ट्स रिवॉर्ड स्कीम में भी संशोधन किया गया है जिसमें आयकर पर टैक्स चोरी या भारत में संपत्ति पर टैक्स बचाने के खिलाफ खास सूचना देनेवालों को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत 50 लाख रूपये ईनाम के रूप में मिल सकता है। सीबीडीटी ने शुक्रवार को इस बात की घोषणा की है कि बेनामी ट्रांजेक्शन इन्फॉर्मेन्ट्स रिवॉर्ड स्कीम, 2018 के अंतर्गत विदेशी समेत कोई भी व्यक्ति ज्वाइंट या एडिशनल कमिश्नर्स को बेनामी लेनदेन या कालेधन के बारे में बता सकता है, जिन पर बेनामी ट्रांजेक्शंस (प्रोहिबिशन) अमेंडमेंट एक्ट, 2016 के अंतर्गत कार्रवाई बनती हो। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) का कहना है कि इस रिवॉर्ड स्कीम का मकसद आयकर विभाग को बेनामी संपत्ति या लेनदेन या फिर ऐसी संपत्तियों से कमाई

Roll-out of Intra State e-Way Bill system in 2 More States (Maharashtra/ Manipur) and 5 Union Territories from 25 May 2018

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Govt. has so far announced roll out plans for ‘Intra-state e-Way Bill system’ in various States applicable from different dates, for movement of goods within the respective States/ Union Territories.  Details are as under: CBEC Press Release dt. 24 May 2018 As per the decision of the GST Council, e-Way Bill system for inter-State movement of goods has been rolled out from 1st April, 2018. As on 23rd May, 2018, e-Way Bill system for intra-State movement of goods has been rolled out in the States of Andhra Pradesh, Arunachal Pradesh, Assam, Bihar, Gujarat, Haryana, Himachal Pradesh, Jharkhand, Karnataka, Kerala, Madhya Pradesh, Meghalaya, Nagaland, Rajasthan, Sikkim, Telangana, Tripura, Uttarakhand, Uttar Pradesh and Union Territory of Puducherry. E-Way Bills are getting generated successfully and till 23rd May, 2018 more than five crore and thirty lakh e-Way Bills have been successfully generated which includes more than one crore and sixty lakh e-Way Bills for intra-St

Intimation under Section 143(1) of the Income-tax Act

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Intimation under Section 143(1) of the Income-tax Act 1. Letter of Intimation u/s 143(1) Income tax return can be either filed voluntarily under Section 139 or on demand by the income tax department under Section 142(1). It is necessary to understand what happens after the taxpayer has filed the return of income. Income tax department carries out a preliminary assessment of all the returns filed and intimate taxpayers the result of such preliminary assessment. Such intimation to the taxpayers post preliminary assessment is called intimation under Section 143(1). Such preliminary assessment is wholly computerised and does not have any human intervention and is delegated to Centralised Processing Center (CPC). 2. Centralized Processing Center With the rapid increase in the number of income tax returns and a jurisdiction-based processing model for all the returns filed, tax department faced problems leading to delayed processing of income tax returns. Therefore, the Fin

Latest GST News, Information, Notifications & Announcements

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                                                      Latest GST News Due date of GSTR-3b filing extended! Due date of GSTR-3B filing for the month of April 2018 is extended to 22nd May 2018 from 20th May 2018. Latest Update as on 10th April 2018 Intra-state Implementation of E-way bills for Telangana, Gujarat, Uttar Pradesh, Andhra Pradesh and Kerala starts from 15th April 2018. Notification by states will be issued. Intra-state e-way bill requirement for Karnataka is already in force. Ever since April 1, 2018, Inter-state movement of goods above the value of Rs 50,000 throughout India require e-way bills mandatorily. Due date of GSTR-6 filing extended! For months from July 2017 to April 2018  is  31st May 2018. TRAN-2 filing date extended! Due date of  TRAN-2  extended to  30th June 2018. Know  how to file TRAN-2 on GST portal . Attention GST registered taxpayers!   31st March 2018 is the deadline To opt-in for Composition scheme for FY 20