पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी के बावजूद कुछ फीसद वैट लगा सकते हैं राज्य
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल और डीजल
की कीमतों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ऊंची दर में रखने के बावजूद इस
पर राज्य सरकारों की ओर से कुछ वैट भी लगाया जा सकता है।
अगर ये दोनों ईंधन जीएसटी के अंतर्गत लाए गए तो कुछ ऐसा कर ढांचा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी है। गौरतलब है कि जीएसटी व्यवस्था देशभर में एक जुलाई, 2017 से लागू है।
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ऐसे में जीएसटी की उच्चतम दर और राज्यों की ओर से लगाया जाने वाला वैट मिलाकर उतना ही कर बैठेगा जितना कि केंद्र सरकार (एक्साइज ड्यूटी) और राज्य सरकारों (वैट) की ओर से लिया जाता है। कुल मिलाकर पेट्रोल और डीजल को अगर जीएसटी के दायरे में लाया भी गया तो भी कीमतें जस की तस रहेंगी, यानी कीमतों में राहत की उम्मीदों पकरक पानी फिर सकता है।
अधिकारी ने बताया कि इन दोनों ईंधनों (पेट्रोल एवं डीजल) को जीएसटी के अंतर्गत लाने से पहले केंद्र सरकार को यह तय करना होगा कि क्या वह इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ न देने से हो रहे 20,000 करोड़ रुपए के राजस्व लाभ को छोड़ने को तैयार है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल को वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था से बाहर रखा गया है लिहाजा इन पर इनपुट टैक्स का क्रेडिट नहीं मिलता है।
ईंधन की कीमतों पर जीएसटी के कार्यान्वयन से जुड़े इस अधिकारी ने बताया, “दुनिया में कहीं पर भी पेट्रोल और डीजल पर प्योर जीएसटी नहीं है, इसलिए भारत में भी यह जीएसटी और वैट का मिश्रण होगा।”
(source:- https://www.jagran.com/business/biz-no-pure-gst-on-petrol-and-diesel-28-percent-tax-plus-vat-on-anvil-under-it-18105422.html)
अगर ये दोनों ईंधन जीएसटी के अंतर्गत लाए गए तो कुछ ऐसा कर ढांचा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी है। गौरतलब है कि जीएसटी व्यवस्था देशभर में एक जुलाई, 2017 से लागू है।
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ऐसे में जीएसटी की उच्चतम दर और राज्यों की ओर से लगाया जाने वाला वैट मिलाकर उतना ही कर बैठेगा जितना कि केंद्र सरकार (एक्साइज ड्यूटी) और राज्य सरकारों (वैट) की ओर से लिया जाता है। कुल मिलाकर पेट्रोल और डीजल को अगर जीएसटी के दायरे में लाया भी गया तो भी कीमतें जस की तस रहेंगी, यानी कीमतों में राहत की उम्मीदों पकरक पानी फिर सकता है।
अधिकारी ने बताया कि इन दोनों ईंधनों (पेट्रोल एवं डीजल) को जीएसटी के अंतर्गत लाने से पहले केंद्र सरकार को यह तय करना होगा कि क्या वह इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ न देने से हो रहे 20,000 करोड़ रुपए के राजस्व लाभ को छोड़ने को तैयार है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल को वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था से बाहर रखा गया है लिहाजा इन पर इनपुट टैक्स का क्रेडिट नहीं मिलता है।
ईंधन की कीमतों पर जीएसटी के कार्यान्वयन से जुड़े इस अधिकारी ने बताया, “दुनिया में कहीं पर भी पेट्रोल और डीजल पर प्योर जीएसटी नहीं है, इसलिए भारत में भी यह जीएसटी और वैट का मिश्रण होगा।”
(source:- https://www.jagran.com/business/biz-no-pure-gst-on-petrol-and-diesel-28-percent-tax-plus-vat-on-anvil-under-it-18105422.html)
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