मेनका गांधी ने बताया- क्यों सही है सैनिटरी पैड पर GST लगना

अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. यह बॉलीवुड की पहली फिल्म है, जो मेन्सटूरेशन हाइजिन के प्रति जागरुक करती है. इस फिल्म के सामने आने के बाद सैनिटरी नैपकिन पर GST हटाने की मुहिम भी तेज हुई है. इस मुद्दे पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सैनिटरी पैड पर 12 फीसदी जीएसटी लगाना सही है.
मेनका गांधी ने कहा, यह 18% से कम हो गया है. इस समय बाजार पर मल्टीनेशनल कंपनियों का राज है. इसलिए मल्टीनेशनल कंपनियों पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, नहीं तो पूरा बाजार खत्म हो जाएगा. इससे स्वदेशी पैड खत्म हो जाएंगे.
मेनका गांधी

इससे पहले मेनका गांधी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर GST के अंतर्गत ईको-फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन को 100 फीसदी टैक्स मुक्त करने की अपील की थी. उन्होंने कहा, मंत्रालय पहली बार सैनिटरी पैड को अन्य माध्यमों से उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है. स्वयं-सहायता समूहों को सैनिटरी पैड बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

उन्होंने कहा, मल्टीनेशनल कंपनियों को यहां लाने की अपेक्षा अगर हम लोन सिस्टम की नीति पर फैसला लेते हैं. तो हमारे पास कई सपोर्ट सिस्टम हैं जो पैड बनाकर स्थानीय स्तर पर फैला सकते हैं. उन्होंने बताया कि मंत्रालय स्कूलों में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए, स्वयंसेवी संस्थाओं का अनुदान बढ़ाने और पैड नष्ट करने वाली मशीनें उपलब्ध कराने के लिए नीति आयोग, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से बात कर रहा है.
मेनका गांधी ने कहा, सैनिटरी नैपकिन को नष्ट करना चिंता का विषय है. लेकिन हम जल्द ही समाधान निकाल लेंगे. इसके लिए हमें नीतियां बनानी होंगी और निर्णय लेने होंगे.
बताते चलें कि अक्षय कुमार भी GST हटाने के मुद्दे पर कह चुके हैं कि चाहे सरकार GST ना हटाएं लेकिन गांवों की गरीब महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी नैपकिन दें.

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